इस साल........ कुछ तो अलग है इस साल। शायद गर्मी से है हाल बेहाल, या फिर ठिठुरती ठंड का है कमाल। पता नहीं, लेकिन कुछ तो अलग है इस साल। दरहसल चुनाव का है ये साल। कौन बनेगा देश का प्रधान ?? यही है सबसे बड़ा सवाल। कुछ तो अलग है इस साल। चुनावी प्रचार कर हर नेता परेशान। आख़िर कौन सम्भालेगा देश का दारोमदार। देश को बेहतर बना, करेंगे उपकार, या फिर कुर्सी के लिए है ये सारा घमासान। यहाँ तो घोटालों में फसे नेता भी देते आश्वासन , की इस बार कर देंगे हर मुश्किल आसान। बेरोज़गारों का करेंगे बेड़ा पार। जनता को दिलवाएगें उनका अधिकार। बेटियोँ को सुरक्षित महसूस करवा पाएगी क्या सरकार ??? राजनीति के चलते , कहीं देश पीछे ना रह जाए। ये सब सिर्फ एक सपना ना बन जाए। क्या सच में कुछ अलग होगा इस साल ????? xxxxxxxxxxxxxxxxxx
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